tag:blogger.com,1999:blog-4037029342939647053.post5437556861109699909..comments2023-03-30T06:15:26.349-07:00Comments on ज़िन्दग़ी के आकाश में: उमेश महादोषीhttp://www.blogger.com/profile/17022330427080722584noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-4037029342939647053.post-29263705932049264802010-11-27T11:36:13.927-08:002010-11-27T11:36:13.927-08:00हर क्षणिका बहुत ही शसक्त है..... बेहतरीन प्रस्तुति...हर क्षणिका बहुत ही शसक्त है..... बेहतरीन प्रस्तुति.उपेन्द्र नाथhttps://www.blogger.com/profile/07603216151835286501noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4037029342939647053.post-46433335477982395312010-11-17T08:42:54.599-08:002010-11-17T08:42:54.599-08:00सभी क्षणिकाएं पढ लीं। कुछ बेहद प्रभावशाली हैं ।बधा...सभी क्षणिकाएं पढ लीं। कुछ बेहद प्रभावशाली हैं ।बधाई।राजेश उत्साहीhttps://www.blogger.com/profile/15973091178517874144noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4037029342939647053.post-65375085784858518792010-11-15T10:20:45.808-08:002010-11-15T10:20:45.808-08:00शुक्रिया महादोषी जी , अच्छा लेखन अपनी तारीफ खुद क...शुक्रिया महादोषी जी , अच्छा लेखन अपनी तारीफ खुद करवाता है .....<br />मुझे तो आत्म संतुष्टि मिलती है पढ़कर ....!!हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4037029342939647053.post-62535428479557627152010-11-12T09:55:33.033-08:002010-11-12T09:55:33.033-08:00तुम्हारी इन कविताओं में तुम्हारा आज झलकता है। दरअस...तुम्हारी इन कविताओं में तुम्हारा आज झलकता है। दरअसल यह आज के आम-आदमी का आज है। <br />तारीख--वही<br />और/लौट आई<br />महीने के साथ <br>इन जैसी पंक्तियाँ अन्दर तक छील डालने वाली हैं। और छत्तीसवीं तो अनुपम है।बलराम अग्रवालnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4037029342939647053.post-28251568747296624722010-11-10T04:34:28.675-08:002010-11-10T04:34:28.675-08:00हीर जी धन्यवाद! गलती ठीक कर दी है। नियमित रूप से म...हीर जी धन्यवाद! गलती ठीक कर दी है। नियमित रूप से मेरी क्षणिकाओं को पढ़ने और उत्साहबर्धक टिप्पणी दर्ज करने के लिए आपको धन्यवाद देना शायद ज्यादा औपचारिक हो जायेगा। पर एक बात कोई भी आपसे सीख सकता है- रचनाकार जिस स्तर पर जाकर लेखन करता है, उसके लेखन को उसी स्तर पर जाकर समझा जाये। यह बात मेरी रचनाओं के स्तर से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है। कई अन्य रचनाकारों की रचनाओं पर भी आपकी टिप्पणियां देखी हैं।.................. निश्चित ही आप जितना अच्छा लेखन करती हैं, उतना ही सम्मान दूसरों की रचनाओं को भी देती हैं।उमेश महादोषीhttps://www.blogger.com/profile/17022330427080722584noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4037029342939647053.post-88268295538422673142010-11-08T20:59:03.404-08:002010-11-08T20:59:03.404-08:00@ एक दिन/सुलगती हुई आग
लपटों में बदलेगी जरूर
उम्म...@ एक दिन/सुलगती हुई आग<br />लपटों में बदलेगी जरूर<br /><br />उम्मीद ही ज़िन्दगी है .....<br /><br />@ मेरी आँख का नाम होना<br />तुम्हारी आँख में<br />साफ चमकता है<br />पर/तुम्हारी आँख<br />नम नहीं हो पाती<br />मैं जानता हूँ-<br />इससे बड़ी मजबूरी<br />और नहीं हो सकती<br /><br />ओह .....<br />कहीं गहरा जख्म है ....<br /><br />(ऊपर 'नाम' में टंकण की त्रुटी है .... )<br /><br />@ खाक हुए जंगल में<br />कहीं/ढूंढे तनिक सी<br />हरी-हरी दूब<br /><br />बेहद गंभीर सशक्त लेखन ....!!<br /><br />बधाई ....!!हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.com